Sunday, July 24, 2022

एक कदम

एक कदम


Perspective 1....by Roop Singh


एक कदम

मैं जब एक कदम आगे बढ़ााऊं , तो तुम एक कदम पीछे खींचना।
मैं दो कदम पीछे हट जाऊंगा।।

और जब मैं एक कदम पीछे खींचू तो तुम एक कदम आगे मत बढ़ाना।
कहीं में दो कदम आगे ना आ जाऊं।

अगर तुम चाहो के मैं आगे आऊं, तो जरूर एक कदम बढ़ाना ।।

(C) @ Roop Singh 06/07/20




संगीत की धुन

शब्दोंं से ना कहो कोई बात अपनी....
प्रिय !...
किसी संगीत की धुन पर सजा-धजा कर कहो...
के संगीत की धुन, झूमने का अवसर देगी...
शब्द तो केवल बाण चलाते हें....

(c) @ Roop Singh 26/02/21



समय के साथ


यूं तो मुझे पहाड़ बहुत पसन्द है....
पर कहानी पेड़ और शीशे की सुनाता हूं...

शीशा हवा को रोकता है, धूप को नहीं...
और पेड़ धूप को रोकता है, हवा को नहीं...

पहाड़ की अपनी लम्बी कहानी है, कभी और सुनाता हूं....

(c) @ Roop Singh 10/10/22



आनंद

      देखा ! आंखों के सामने धरातल पर बह रहे थे बादल । मूंगफली 
के खेतों जैसे थे ऊँचाई में। हवा सर्र - सर्र चल रही थी । बादलों की नन्ही टुकड़ियां बहे जा रही थी और कर रही थी जैसे हवा का  चित्रण। उसकी उपस्थिति की व्याख्या । हवा का स्पर्श समय के प्रहर  की ओर ध्यान करा रहा था, शायद रात्रि का अंतिम प्रहर था । दृश्य मनोहर! था अती मनोहर ! दूध से धुले नन्हे बादल जैसे सफेद झागदार धुएं के झुंड हो।

        उधर आकाश की और निहारा तो देखा गजब और भी गजब ।बादल तो धरा पर थे पर ऐसा नहीं था के आकाश रीता हो,  सतरंगी पुष्पों से भरा पड़ा था आकाश। आकाश दृश्य बदलते जाता, न जाने कैसे कैसे आकार - आकृतियां धरता। जैसे ब्रह्मांड का सारा संकलन आज आकाश पटल पर उतर आया हो। देखा के कभी सात घोड़ो वाला रथ  निकल रहा है । तो कभी नाच रही है नृत्याँगनाएं । क्षण प्रति क्षण बदलता ही जा रहा है  दृश्य ।  वाह ! आनंद ही आनंद !!

     सब कुछ ठीक था पर यह क्या ? जहां बैठा हूं वहां की स्थिति और  स्थान  सही नहीं लग रहा। एक छटपटाहट है सिंहासन ना होने की । धरा पर  मिट्टी और कंकड़ों पर बैठ दृश्य तो मनोहर लग रह हे,  परन्तु आनंद अधूरा सा लग रहा है। ध्यान रुक रुक कर चुभते कंकड़ों पर भी जाता है ।

     फिर, बहुत गहन विचार किया । विचार  करके पाया, की जो पूर्ण और अनूकूल स्थिति की चाह है ना यह आनंद का आनंद नहीं लेने देती । वरना आप ही देख लो आनंद ही आनंद तो है।

(c) @ Roop Singh 14/09/23

2 comments:

Thankyou so much